मयूर ग्रामीण विकाश संसथान बारमेर जिले के रेगिस्तानी भूभाग में दूरदराज में
जहा पर न तो पिने के पानी के दरसन
होते न ही किसी जिव जंतु के जहा पर गर्मी के मोसम में तापमान ५५डिग्री से भी ज्यादा हो जाता
ही आम इन्सान का जीना
भीं मुस्किल हो जाता हो व
बारिश या तो कभी तिन - चार सालो के मोसम
में नही होती और अगर हो जाती तो बाढ़ के रूप में त्रासदी हो जाती और ठण्ड के मोसम
मे सर्दी भी माय्नाश पाँच से दश डिग्री तक का तापमान हो जाता
हें के जेसे
हालात में {
मर्दस संसथान} यानि मयूर ग्रामीण विकाश संसथान यानि की {
मर्दस} संसथान के द्वारा नि: स्वार्थ किए गये कार्यो
व बचाव अभियानों की कुछ झलकिया आप के लिए प्रस्तुत हें और उमीद करते हें की आप पहले की तरह हमारी
मदद और सहयोग करते रहेंगे जिससे मर्दस
संसथान यानि
मयूर ग्रामीण विकाश संसथान बारमेर हमेसा
असहायों की मदद को अग्रसर
रहे घन्यवाद
नेता राम भाटी